सीपीएम की क्रांति

सीपीएम की क्रांति
हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं! 14 मार्च को हुई घटना और उसके बाद सीपीएम के बंद के दौरान गायब हुए दो सौ लोगों का अब तक कोई अता-पता नहीं है्. हां। कुछ लाशें हैं जो इलाके में इस हालत में पायी गयी हैं. क्या हम बता सकते हैं कि इन्होंने किस बात की कीमत चुकायी? क्या हम इसको लेकर आश्वस्त रह सकते हं कि हमें भी कभी ऐसी ही कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी?

Sunday, March 18, 2007

नंदीग्राम मामले में दस गिरफ्तारियां

बुद्धदेब भट्टाचार्य
मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य बैठक के बीच में ही बाहर निकल गए
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में 14 मार्च को हुई पुलिस फायरिंग की जांच कर रही सीबीआई ने दस लोगों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में गोला बारुद भी बरामद किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूर्वी मिदनापुर के पुलिस सुपरिटेंडेंट जी ए श्रीनिवास का हवाला देते हुए कहा है कि ये गिरफ्तारियां शनिवार की शाम सीबीआई के छापों में खेजुरी नामक स्थान से की गई हैं.

श्रीनिवास के अनुसार सीबीआई टीम ने 14 बंदूकें, 500 राउंड कारतूस, मोबाइल आदि बरामद किया है.

इससे पहले दिन में सीबीआई के अधिकारी स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ नंदीग्राम के आसपास के कई इलाक़ों में गए थे.

मीडिया को उन स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है जहां सीबीआई टीम गई है और उधर दिल्ली में सीबीआई ने पूरे मामले पर टिप्पणी भी नहीं की है.

एसईजेड पर रोक

इससे पहले दिन में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ वाममोर्चे की एक अहम बैठक में नंदीग्राम से पुलिस हटाने और वहाँ प्रस्तावित एसईजेड नहीं बनाने का फ़ैसला लिया गया है.

कोलकाता में शनिवार सुबह तीन घंटे से भी ज़्यादा समय तक चली बैठक में मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य नंदीग्राम से सुरक्षाकर्मी वापस बुलाने पर सहमत हो गए.

हालाँकि मुख्यमंत्री बैठक के बीच में ही बाहर निकल गए. इससे स्पष्ट है कि बैठक के दौरान नंदीग्राम में हुई पुलिस फ़ायरिंग की घटना पर गर्गागर्म बहस हुई.

ग़ौरतलब है कि बुधवार को नंदीग्राम में इंडोनेशियाई कंपनी सलीम समूह के प्रस्तावित विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए ज़मीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे लोगों पर हुई फ़ायरिंग में 14 लोग मारे गए थे.

बैठक के बाद वाम मोर्चा के संयोजक बिमान बोस ने बताया कि अब ज़मीन अधिग्रहण नहीं होगा और एसईजेड भी वहाँ नहीं बनाया जाएगा.

लोग पुलिस फ़ायरिंग का विरोध कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि नंदीग्राम से पुलिस हटाने के फ़ैसले पर चरणबद्ध तरीक़े से अमल किया जाएगा.

नंदीग्राम की घटना के बाद वाम मोर्चा में शामिल रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और फॉरवर्ड ब्लॉक ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे.

बैठक के दौरान भी इन दलों ने पुलिस फ़ायरिंग की घटना के लिए सीधे तौर पर मोर्चे के सबसे बड़े घटक दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को ज़िम्मेदार ठहराया.

पश्चिम बंगाल में पिछले 30 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि वाम मोर्चे के छोटे घटक दलों ने इस तरह प्रभावी तरीक़े से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.

इन दलों ने पहले ही अपने कोटे के 10 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा लेने की धमकी दे दी थी.

इसी दबाव में बैठक के दौरान यह फ़ैसला हुआ कि भविष्य में नंदीग्राम या एसईजेड जैसे अहम मुद्दों पर कोई भी फ़ैसला वाम मोर्चा की बैठक में हुई सहमति के आधार पर लिया जाएगा.

बीबीसी से साभार


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नंदीग्राम पर नयी फ़िल्म

यह फ़िल्म 14 मार्च की घटनाओं के सूक्ष्म विवरण के साथ आयी है.

देखें : नव उदारवाद का नया चेहरा बजरिये नंदीग्राम

देखें : विकास के नाम पर लोगों के उजड़ने की कहानी

उन्होंने मेरे पिता को टुकडों में काट डाला

देखें : न हन्यते

नंदीग्राम में 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं, 200 अब भी लापता हैं. वहां महिलाओं के साथ सीपीएम के कैडरों ने बलात्कार किया. बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया है. सीपीएम की इस क्रूरता और निर्लज्जता का विरोध होना चाहिए. हमें नंदीग्राम, सिंगूर और हर उस जगह के किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए, जो अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. यह दस्तावेज़ी फ़िल्म किसानों के इसी संघर्ष के बारे में है. यह फ़िल्म नंदीग्राम के ताज़ा नरसंहार से पहले बनायी गयी थी.

नंदीग्राम में जनसंहार के बाद के द्श्‍य

यह फिल्‍म पुलिस द्वारा नंदीग्राम में बर्बर तरीके से की गयी हत्‍याओं एवं उनकी भयावहता व बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृ़श्‍य विचलित कर देनेवाले हैं.

नंदीग्राम प्रतिरोध्‍

नंदीग्राम में सरकारी आतंक

देखें : माकपा की गुंडागर्दी

नंदीग्राम में सीपीएम सरकार की पुलिस ने जो बर्बर कार्रवाई की, वह अब खुल कर सामने आने लगी है. यह फ़िल्म उसी बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं. आप इसे तभी देखें जब आप वीभत्स दृश्य देख सकने की क्षमता रखते हों. हम खुद शर्मिंदा हैं कि हमें ऐसे दृश्य आपको दिखाने पड़ रहे हैं, पर ये आज की हकीकत हैं. इनसे कैसे मुंह मोडा़ जा सकता है?