मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य बैठक के बीच में ही बाहर निकल गए |
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूर्वी मिदनापुर के पुलिस सुपरिटेंडेंट जी ए श्रीनिवास का हवाला देते हुए कहा है कि ये गिरफ्तारियां शनिवार की शाम सीबीआई के छापों में खेजुरी नामक स्थान से की गई हैं.
श्रीनिवास के अनुसार सीबीआई टीम ने 14 बंदूकें, 500 राउंड कारतूस, मोबाइल आदि बरामद किया है.
इससे पहले दिन में सीबीआई के अधिकारी स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ नंदीग्राम के आसपास के कई इलाक़ों में गए थे.
मीडिया को उन स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है जहां सीबीआई टीम गई है और उधर दिल्ली में सीबीआई ने पूरे मामले पर टिप्पणी भी नहीं की है.
एसईजेड पर रोक
इससे पहले दिन में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ वाममोर्चे की एक अहम बैठक में नंदीग्राम से पुलिस हटाने और वहाँ प्रस्तावित एसईजेड नहीं बनाने का फ़ैसला लिया गया है.
कोलकाता में शनिवार सुबह तीन घंटे से भी ज़्यादा समय तक चली बैठक में मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य नंदीग्राम से सुरक्षाकर्मी वापस बुलाने पर सहमत हो गए.
हालाँकि मुख्यमंत्री बैठक के बीच में ही बाहर निकल गए. इससे स्पष्ट है कि बैठक के दौरान नंदीग्राम में हुई पुलिस फ़ायरिंग की घटना पर गर्गागर्म बहस हुई.
ग़ौरतलब है कि बुधवार को नंदीग्राम में इंडोनेशियाई कंपनी सलीम समूह के प्रस्तावित विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए ज़मीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे लोगों पर हुई फ़ायरिंग में 14 लोग मारे गए थे.
बैठक के बाद वाम मोर्चा के संयोजक बिमान बोस ने बताया कि अब ज़मीन अधिग्रहण नहीं होगा और एसईजेड भी वहाँ नहीं बनाया जाएगा.
लोग पुलिस फ़ायरिंग का विरोध कर रहे हैं |
उन्होंने कहा कि नंदीग्राम से पुलिस हटाने के फ़ैसले पर चरणबद्ध तरीक़े से अमल किया जाएगा.
नंदीग्राम की घटना के बाद वाम मोर्चा में शामिल रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और फॉरवर्ड ब्लॉक ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे.
बैठक के दौरान भी इन दलों ने पुलिस फ़ायरिंग की घटना के लिए सीधे तौर पर मोर्चे के सबसे बड़े घटक दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को ज़िम्मेदार ठहराया.
पश्चिम बंगाल में पिछले 30 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि वाम मोर्चे के छोटे घटक दलों ने इस तरह प्रभावी तरीक़े से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
इन दलों ने पहले ही अपने कोटे के 10 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा लेने की धमकी दे दी थी.
इसी दबाव में बैठक के दौरान यह फ़ैसला हुआ कि भविष्य में नंदीग्राम या एसईजेड जैसे अहम मुद्दों पर कोई भी फ़ैसला वाम मोर्चा की बैठक में हुई सहमति के आधार पर लिया जाएगा.
बीबीसी से साभार
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