सीपीएम की क्रांति

सीपीएम की क्रांति
हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं! 14 मार्च को हुई घटना और उसके बाद सीपीएम के बंद के दौरान गायब हुए दो सौ लोगों का अब तक कोई अता-पता नहीं है्. हां। कुछ लाशें हैं जो इलाके में इस हालत में पायी गयी हैं. क्या हम बता सकते हैं कि इन्होंने किस बात की कीमत चुकायी? क्या हम इसको लेकर आश्वस्त रह सकते हं कि हमें भी कभी ऐसी ही कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी?

Thursday, March 22, 2007

नंदीग्राम पर सीबीआई ने रिपोर्ट सौंपी

नंदीग्राम हिंसा
पुलिस फ़ायरिंग में 14 लोग मारे गए थे और अनेक लोग घायल हुए थे
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में हुई पुलिस फ़ायरिंग की घटना की जाँच रिपोर्ट केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंप दी है.

सीबीआई के वक़ील रंजन रॉय ने गुरुवार को यह रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश एसएस निज्जर और न्यायमूर्ति पीसी घोष की खंडपीठ के हवाले कर दी.

इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. अदालत इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सोमवार को सीबीआई को कुछ निर्देश दे सकती है.

उसी दिन नंदीग्राम मामले की अगली सुनवाई होनी है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने नंदीग्राम की घटना का ख़ुद संज्ञान लेते हुए 15 मार्च को सीबीआई को इस मामले की जाँच करने का आदेश दिया था.

अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार से भी हलफ़नामा दाखिल कर यह बताने को कहा था कि किन परिस्थितियों में फ़ायरिंग का आदेश दिया गया.

इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता बलाई रॉय ने जवाब देने के लिए और समय देने की माँग की जिसे स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने उन्हें सोमवार तक का समय दे दिया.

14 मार्च को इंडोनेशिया की एक कंपनी के प्रस्तावित कारखाने के लिए ज़मीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे लोगों पर हुई पुलिस फ़ायरिंग में 14 लोग मारे गए थे.

इस घटना के बाद राज्य सरकार ने नंदीग्राम में भू-अधिग्रहण नहीं करने और प्रस्तावित विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) भी वहाँ नहीं बनाने का आदेश दिया है.

बीबीसी से साभार

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नंदीग्राम पर नयी फ़िल्म

यह फ़िल्म 14 मार्च की घटनाओं के सूक्ष्म विवरण के साथ आयी है.

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उन्होंने मेरे पिता को टुकडों में काट डाला

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नंदीग्राम में 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं, 200 अब भी लापता हैं. वहां महिलाओं के साथ सीपीएम के कैडरों ने बलात्कार किया. बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया है. सीपीएम की इस क्रूरता और निर्लज्जता का विरोध होना चाहिए. हमें नंदीग्राम, सिंगूर और हर उस जगह के किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए, जो अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. यह दस्तावेज़ी फ़िल्म किसानों के इसी संघर्ष के बारे में है. यह फ़िल्म नंदीग्राम के ताज़ा नरसंहार से पहले बनायी गयी थी.

नंदीग्राम में जनसंहार के बाद के द्श्‍य

यह फिल्‍म पुलिस द्वारा नंदीग्राम में बर्बर तरीके से की गयी हत्‍याओं एवं उनकी भयावहता व बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृ़श्‍य विचलित कर देनेवाले हैं.

नंदीग्राम प्रतिरोध्‍

नंदीग्राम में सरकारी आतंक

देखें : माकपा की गुंडागर्दी

नंदीग्राम में सीपीएम सरकार की पुलिस ने जो बर्बर कार्रवाई की, वह अब खुल कर सामने आने लगी है. यह फ़िल्म उसी बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं. आप इसे तभी देखें जब आप वीभत्स दृश्य देख सकने की क्षमता रखते हों. हम खुद शर्मिंदा हैं कि हमें ऐसे दृश्य आपको दिखाने पड़ रहे हैं, पर ये आज की हकीकत हैं. इनसे कैसे मुंह मोडा़ जा सकता है?