Friday, March 16, 2007
Fresh violence erupted in West Bengal's Singur area as hundreds of protesting villagers set fire to a police watch tower in the region. The mob apparently used crude bombs to blast a portion of the boundary wall under construction at the Tata Motors project site.
The mob also damaged the kuccha fence that demarcated the areas. Police says the matter is now under control. The violence in Singur comes two days after 15 people were killed in Nandigram when the people opened fire on villagers.
Villagers in Nandigram claim that the police had arrived to take away their land as part of a SEZ the government planned to create in the area. The latest attack in the region is a huge blow to the West Bengal government.
सीपीएम की क्रांति
Friday, March 16, 2007
Tata Motors plant in Singur attacked
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नंदीग्राम पर नयी फ़िल्म
यह फ़िल्म 14 मार्च की घटनाओं के सूक्ष्म विवरण के साथ आयी है.
देखें : नव उदारवाद का नया चेहरा बजरिये नंदीग्राम
देखें : विकास के नाम पर लोगों के उजड़ने की कहानी
उन्होंने मेरे पिता को टुकडों में काट डाला
देखें : न हन्यते
नंदीग्राम में 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं, 200 अब भी लापता हैं. वहां महिलाओं के साथ सीपीएम के कैडरों ने बलात्कार किया. बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया है. सीपीएम की इस क्रूरता और निर्लज्जता का विरोध होना चाहिए. हमें नंदीग्राम, सिंगूर और हर उस जगह के किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए, जो अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. यह दस्तावेज़ी फ़िल्म किसानों के इसी संघर्ष के बारे में है. यह फ़िल्म नंदीग्राम के ताज़ा नरसंहार से पहले बनायी गयी थी.
नंदीग्राम में जनसंहार के बाद के द्श्य
यह फिल्म पुलिस द्वारा नंदीग्राम में बर्बर तरीके से की गयी हत्याओं एवं उनकी भयावहता व बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृ़श्य विचलित कर देनेवाले हैं.
नंदीग्राम प्रतिरोध्
नंदीग्राम में सरकारी आतंक
देखें : माकपा की गुंडागर्दी
नंदीग्राम में सीपीएम सरकार की पुलिस ने जो बर्बर कार्रवाई की, वह अब खुल कर सामने आने लगी है. यह फ़िल्म उसी बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं. आप इसे तभी देखें जब आप वीभत्स दृश्य देख सकने की क्षमता रखते हों. हम खुद शर्मिंदा हैं कि हमें ऐसे दृश्य आपको दिखाने पड़ रहे हैं, पर ये आज की हकीकत हैं. इनसे कैसे मुंह मोडा़ जा सकता है?
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