The Telegraph - Calcutta
IMRAN AHMED SIDDIQUI
suspect shots
Chief minister Buddhadeb Bhattacharjee had confided to his cabinet colleagues that not all Nandigram victims fell to police bullets, a minister said. The minister quoted Bhattacharjee as saying some people succumbed to “other kinds” of gunshot wounds and those inflicted by sharp weapons.
Nandigram, March 19: A handful of spent bullets could bore a gaping hole in the official Nandigram story.
Searches on the Nandigram battlefield and a squad of suspected CPM cadres have yielded the CBI bullets accessible only to security services but not used by police during Wednesday’s action.
The finding has prompted the investigative agency to refer in its preliminary report to the presence of outsiders who may have “participated” in the firing in which at least 14 people were killed.
The revelation also raises the disturbing question of how the ammunition, the supply of which is supposed to be stringently monitored and restricted, got into the hands of the suspects.
The recovery of .315 and .38 bore bullets from the spot as well as the seizure of similar rounds from the suspected CPM group at a brick kiln near Nandigram have led the CBI to conclude that these men could have been present during the firing.
The use of .315 and ."
सीपीएम की क्रांति
Tuesday, March 20, 2007
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नंदीग्राम पर नयी फ़िल्म
यह फ़िल्म 14 मार्च की घटनाओं के सूक्ष्म विवरण के साथ आयी है.
देखें : नव उदारवाद का नया चेहरा बजरिये नंदीग्राम
देखें : विकास के नाम पर लोगों के उजड़ने की कहानी
उन्होंने मेरे पिता को टुकडों में काट डाला
देखें : न हन्यते
नंदीग्राम में 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं, 200 अब भी लापता हैं. वहां महिलाओं के साथ सीपीएम के कैडरों ने बलात्कार किया. बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया है. सीपीएम की इस क्रूरता और निर्लज्जता का विरोध होना चाहिए. हमें नंदीग्राम, सिंगूर और हर उस जगह के किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए, जो अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. यह दस्तावेज़ी फ़िल्म किसानों के इसी संघर्ष के बारे में है. यह फ़िल्म नंदीग्राम के ताज़ा नरसंहार से पहले बनायी गयी थी.
नंदीग्राम में जनसंहार के बाद के द्श्य
यह फिल्म पुलिस द्वारा नंदीग्राम में बर्बर तरीके से की गयी हत्याओं एवं उनकी भयावहता व बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृ़श्य विचलित कर देनेवाले हैं.
नंदीग्राम प्रतिरोध्
नंदीग्राम में सरकारी आतंक
देखें : माकपा की गुंडागर्दी
नंदीग्राम में सीपीएम सरकार की पुलिस ने जो बर्बर कार्रवाई की, वह अब खुल कर सामने आने लगी है. यह फ़िल्म उसी बर्बरता के बारे में है. इसके कई दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं. आप इसे तभी देखें जब आप वीभत्स दृश्य देख सकने की क्षमता रखते हों. हम खुद शर्मिंदा हैं कि हमें ऐसे दृश्य आपको दिखाने पड़ रहे हैं, पर ये आज की हकीकत हैं. इनसे कैसे मुंह मोडा़ जा सकता है?
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